मूली पराठा उत्तर भारत का एक लोकप्रिय और पारंपरिक व्यंजन है, जो ठंड के मौसम में खासतौर पर पसंद किया जाता है। यह न केवल स्वादिष्ट होता है, बल्कि मूली और आटे के मिश्रण से बना यह पराठा पोषण से भी भरपूर होता है। मूली की हल्की तीखापन और मसालों का स्वाद इसे हर उम्र के लोगों का पसंदीदा बनाता है। इस ब्लॉग में हम मूली पराठा बनाने की आसान विधि, इसके पोषण तत्व (nutrition facts), और कुछ महत्वपूर्ण टिप्स हिंदी में साझा करेंगे।
मूली पराठा बनाने की सामग्री
- 2 कप गेहूं का आटा
- 2 मध्यम आकार की मूली (कद्दूकस की हुई)
- 1 हरी मिर्च (बारीक कटी हुई)
- 1/2 चम्मच अदरक (कद्दूकस किया हुआ)
- 1/2 चम्मच अजवाइन (वैकल्पिक)
- 1/2 चम्मच लाल मिर्च पाउडर
- 1/2 चम्मच धनिया पाउडर
- 1/4 चम्मच गरम मसाला
- स्वादानुसार नमक
- 2 बड़े चम्मच हरा धनिया (बारीक कटा हुआ)
- पानी (आटा गूंथने के लिए)
- घी या तेल (सेकने के लिए)
बनाने की विधि
- मूली तैयार करें: मूली को छीलकर कद्दूकस कर लें। कद्दूकस की हुई मूली को अच्छे से निचोड़ लें ताकि अतिरिक्त पानी निकल जाए। इस पानी को फेंके नहीं, इसे आटा गूंथने में इस्तेमाल कर सकते हैं।
- मसाले मिलाएं: निचोड़ी हुई मूली में हरी मिर्च, अदरक, अजवाइन, लाल मिर्च पाउडर, धनिया पाउडर, गरम मसाला, नमक और हरा धनिया डालकर अच्छे से मिलाएं।
- आटा गूंथें: एक बड़े बर्तन में गेहूं का आटा लें और उसमें थोड़ा-थोड़ा पानी (या मूली का पानी) डालकर नरम आटा गूंथ लें। इसे 10-15 मिनट के लिए ढककर रख दें।
- पराठा बनाएं: आटे की छोटी-छोटी लोइयां बनाएं। एक लोई को बेलें, उसमें मूली का मिश्रण भरें और किनारों को अच्छे से बंद कर दें। अब इसे हल्के हाथों से बेल लें ताकि मिश्रण बाहर न निकले।
- सेकें: गरम तवे पर पराठे को रखें, दोनों तरफ घी या तेल लगाकर सुनहरा और कुरकुरा होने तक सेंकें। तैयार पराठे को दही, अचार या मक्खन के साथ परोसें।
मूली पराठा के पोषण तत्व (Nutrition Facts)
मूली पराठा स्वाद के साथ-साथ सेहत का भी ख्याल रखता है। यहाँ एक पराठे (लगभग 100 ग्राम) के औसत पोषण मूल्य दिए गए हैं:
- कैलोरी: 200-250 किलो कैलोरी (घी/तेल की मात्रा पर निर्भर)
- प्रोटीन: 5-6 ग्राम
- कार्बोहाइड्रेट: 30-35 ग्राम
- वसा (Fat): 8-10 ग्राम
- फाइबर: 3-4 ग्राम
- विटामिन C: 10-15 मिलीग्राम (मूली से)
- कैल्शियम: 20-30 मिलीग्राम
- आयरन: 1-2 मिलीग्राम
मूली में विटामिन C, फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं, जो पाचन को बेहतर करते हैं और इम्यूनिटी बढ़ाते हैं। गेहूं का आटा कार्बोहाइड्रेट और ऊर्जा का अच्छा स्रोत है। यह पराठा ठंड में शरीर को गर्मी और ताकत प्रदान करता है।
मूली पराठा बनाने के लिए महत्वपूर्ण टिप्स
- मूली का पानी निचोड़ें: मूली में पानी की मात्रा अधिक होती है। अगर इसे अच्छे से न निचोड़ा जाए, तो आटा गीला हो सकता है और पराठा बेलते वक्त टूट सकता है।
- ताजा मूली चुनें: पराठे के लिए ताजी और रसीली मूली का इस्तेमाल करें। कड़वी या सूखी मूली स्वाद खराब कर सकती है।
- मसाले संतुलित रखें: ज्यादा मसाले डालने से मूली का प्राकृतिक स्वाद दब सकता है। हल्के मसाले ही डालें ताकि मूली की खुशबू बनी रहे।
- आटा नरम रखें: आटा बहुत सख्त न गूंथें, वरना पराठा चबाने में सख्त लगेगा। इसे नरम और लचीला बनाएं।
- कम तेल का प्रयोग: सेहत के लिए घी या तेल कम इस्तेमाल करें। नॉन-स्टिक तवे पर हल्के तेल से भी पराठा अच्छा बन जाता है।
- भरावन का विकल्प: अगर मूली भरना मुश्किल लगे, तो कद्दूकस की हुई मूली को सीधे आटे में गूंथकर सादा पराठा भी बना सकते हैं।
मूली पराठा के फायदे
- पाचन में सहायक: मूली में मौजूद फाइबर कब्ज और अपच की समस्या को दूर करता है।
- विटामिन C का स्रोत: यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है।
- वजन नियंत्रण: फाइबर से भरपूर होने के कारण यह लंबे समय तक भूख को काबू में रखता है।
- हड्डियों के लिए अच्छा: इसमें कैल्शियम और अन्य खनिज पदार्थ हड्डियों को मजबूती देते हैं।
- ठंड में फायदेमंद: मूली की तासीर गर्म होती है, जो सर्दियों में शरीर को गर्म रखती है।
निष्कर्ष
मूली पराठा एक ऐसा व्यंजन है जो बनाने में आसान, स्वाद में लाजवाब और सेहत के लिए फायदेमंद है। इसे नाश्ते में, लंच में या हल्के डिनर के लिए भी परोसा जा सकता है। सर्दियों में गरमागरम मूली पराठा, मक्खन और चाय का कॉम्बिनेशन हर किसी को पसंद आता है। तो अगली बार जब आपके पास ताजी मूली हो, इस रेसिपी को जरूर आजमाएं और अपने परिवार को खुश करें।
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