मूंग दाल डोसा, जिसे “पेसरट्टू” के नाम से भी जाना जाता है, दक्षिण भारतीय व्यंजनों में बेहद लोकप्रिय है। यह न केवल स्वाद में लाजवाब होता है, बल्कि सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद है। पारंपरिक डोसा जो चावल और उड़द दाल से बनता है, उसके विपरीत मूंग दाल डोसा प्रोटीन से भरपूर मूंग दाल से तैयार किया जाता है। यह आसानी से बनने वाला और पचने में हल्का व्यंजन बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी के लिए उपयुक्त है। आज हम इस ब्लॉग में मूंग दाल डोसा की रेसिपी, इसके पोषण तत्व (nutrition facts), और कुछ महत्वपूर्ण टिप्स हिंदी में साझा करेंगे।
मूंग दाल डोसा बनाने की सामग्री
- 1 कप हरी मूंग दाल (छिलके वाली या बिना छिलके वाली)
- 1/4 कप चावल (वैकल्पिक, कुरकुरापन के लिए)
- 1 हरी मिर्च (बारीक कटी हुई)
- 1 छोटा टुकड़ा अदरक (कद्दूकस किया हुआ)
- 1/2 चम्मच जीरा
- स्वादानुसार नमक
- पानी (घोल बनाने के लिए)
- तेल या घी (तवे पर लगाने के लिए)
बनाने की विधि
- मूंग दाल को भिगोएं: मूंग दाल और चावल (अगर इस्तेमाल कर रहे हैं) को 4-5 घंटे या रात भर के लिए पानी में भिगो दें।
- घोल तैयार करें: भीगी हुई दाल और चावल को अच्छे से छान लें। इन्हें मिक्सर में हरी मिर्च, अदरक, जीरा और थोड़े पानी के साथ पीस लें। घोल न ज्यादा गाढ़ा हो न ज्यादा पतला, डोसा बनाने की सही कंसिस्टेंसी रखें।
- नमक डालें: पीसने के बाद घोल में स्वादानुसार नमक मिलाएं। इस डोसे को फर्मेंट करने की जरूरत नहीं होती, इसलिए आप इसे तुरंत बना सकते हैं।
- डोसा बनाएं: एक नॉन-स्टिक तवे को गर्म करें, उस पर थोड़ा तेल या घी लगाएं। एक करछी घोल लेकर तवे पर गोल आकार में फैलाएं। मध्यम आंच पर सुनहरा होने तक सेंकें।
- पलटें और सेंकें: डोसे को पलटें और दूसरी तरफ भी हल्का सेंक लें। तैयार डोसे को नारियल चटनी या सांबर के साथ गरमागरम परोसें।
मूंग दाल डोसा के पोषण तत्व (Nutrition Facts)
मूंग दाल डोसा न सिर्फ स्वादिष्ट होता है, बल्कि यह पोषक तत्वों का खजाना भी है। यहाँ एक डोसे (लगभग 100 ग्राम) के औसत पोषण मूल्य दिए गए हैं:
- कैलोरी: 130-150 किलो कैलोरी
- प्रोटीन: 6-8 ग्राम
- कार्बोहाइड्रेट: 20-25 ग्राम
- वसा (Fat): 2-4 ग्राम (तेल की मात्रा पर निर्भर)
- फाइबर: 3-4 ग्राम
- आयरन: 1-2 मिलीग्राम
- कैल्शियम: 20-30 मिलीग्राम
मूंग दाल प्रोटीन और फाइबर का बेहतरीन स्रोत है, जो वजन घटाने, पाचन को बेहतर करने और मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद करता है। यह डोसा कोलेस्ट्रॉल और संतृप्त वसा में कम होता है, जिससे यह हृदय रोगियों और डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए भी लाभकारी है।
मूंग दाल डोसा बनाने के लिए महत्वपूर्ण टिप्स
- सही भिगोने का समय: मूंग दाल को कम से कम 4 घंटे भिगोना जरूरी है ताकि यह अच्छे से पीस जाए और डोसा नरम बने। अगर जल्दी में हैं, तो गुनगुने पानी में 1-2 घंटे भिगो सकते हैं।
- घोल की कंसिस्टेंसी: घोल को बहुत पतला न बनाएं, वरना डोसा तवे पर फैलेगा नहीं और टूट सकता है। इसे डोसा बैटर जैसा मध्यम गाढ़ा रखें।
- तवे का तापमान: तवा बहुत गर्म नहीं होना चाहिए, वरना घोल फैलने से पहले ही जम जाएगा। तवे को मध्यम आंच पर रखें और हर डोसा बनाने से पहले हल्का ठंडा करें।
- स्वाद बढ़ाएं: आप घोल में बारीक कटा प्याज, धनिया पत्ती या हरा लहसुन डालकर स्वाद को और बढ़ा सकते हैं।
- तेल का कम प्रयोग: सेहत के लिए इसे कम तेल में बनाएं। नॉन-स्टिक तवे का इस्तेमाल करें ताकि ज्यादा तेल की जरूरत न पड़े।
- स्प्राउटेड मूंग: अगर समय हो तो मूंग दाल को अंकुरित (sprout) करके इस्तेमाल करें। इससे पोषण मूल्य और भी बढ़ जाता है।
मूंग दाल डोसा के फायदे
- प्रोटीन से भरपूर: यह मांसपेशियों के विकास और ऊर्जा के लिए शानदार है।
- वजन घटाने में सहायक: कम कैलोरी और ज्यादा फाइबर होने से यह लंबे समय तक भूख को नियंत्रित करता है।
- पाचन के लिए अच्छा: मूंग दाल आसानी से पच जाती है, जिससे पेट हल्का रहता है।
- ग्लूटेन-फ्री: गेहूं से एलर्जी वाले लोग भी इसे आसानी से खा सकते हैं।
निष्कर्ष
मूंग दाल डोसा एक ऐसा व्यंजन है जो स्वाद और सेहत का बेहतरीन संतुलन बनाता है। इसे नाश्ते, दोपहर के भोजन या हल्के डिनर के लिए बनाया जा सकता है। यह बच्चों के लंच बॉक्स के लिए भी एकदम सही है। अगली बार जब आपको कुछ जल्दी, स्वादिष्ट और पौष्टिक खाने का मन हो, तो मूंग दाल डोसा जरूर ट्राई करें। इसे अपनी पसंदीदा चटनी या सांबर के साथ परोसें और अपने परिवार के साथ आनंद लें!
क्या आपने कभी मूंग दाल डोसा बनाया है? अपने अनुभव हमारे साथ साझा करें या कोई सवाल हो तो नीचे कमेंट करें!